भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा केले के रेशों का उपयोग करके घावों के लिए पर्यावरण-अनुकूल ड्रेसिंग विकसित की गई

भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा केले के रेशों का उपयोग करके घावों के लिए पर्यावरण-अनुकूल ड्रेसिंग विकसित की गई

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Category : Science and Tech Published on: March 05 2024

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  • केले के छद्म तने का उपयोग एक पर्यावरण-अनुकूल घाव ड्रेसिंग सामग्री बनाने के लिए किया गया है, जो घावों की देखभाल के लिए एक स्थायी और प्रभावी समाधान प्रदान करता है।
  • भारत में केले की खेती विश्व की सबसे बड़ी है, जिससे केले के छद्म तने प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होते हैं।
  • इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड स्टडी इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी (आईएएसएसटी) जैसे स्वायत्त संस्थान के वैज्ञानिकों ने यह उत्कृष्ट घाव ड्रेसिंग सामग्री विकसित की है।
  • इस ड्रेसिंग सामग्री में चिटोसन और ग्वार गम जैसे जैविक बहुलकों का प्रयोग किया गया है, जो एंटीऑक्सीडेंट गुणों को साथ लेकर एक बहुक्रियाशील पैच बनाते हैं।
  • यह अनुसंधान हाल ही में इंटरनेशनल जर्नल ऑफ बायोलॉजिकल मैक्रोमोलेक्युलस में प्रकाशित किया गया है, जिससे इसकी महत्वपूर्णता को और अधिक उजागर किया जा सकता है।
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